Ph D
Plant Hydrolyzing Direction
पी. एच. डी. हे सेंद्रिय पदार्थांच्या अर्कापासून तयार केलेले उत्पादन आहे. ज्यामध्ये अॅमिनो आम्ल, ह्युमिक आम्ल, फुल्विक आम्ल व विविध प्रकाराची बेन्झिन याचे सुयोग्य मिश्रण आहे.
पी. एच. डी. कसे काम करते ?
पी. एच. डी. मधील अॅमिनो आम्ल पाण्यामध्ये विघटीत होऊन जमिनीतील स्थिर खनिजांवर अॅमिनोचिलेटिंग करतात तसेच ह्युमिक आम्ल पिकांच्या मुळांच्या बाह्य वलयांवर सायटोकिनीन वाढवते. पी. एच. डी. पिकांच्या वाढ प्रेरित एल. सिस्टनचा वेग वाढवते.
पी. एच. डी. च्या वापराने काय फायदे होतात ?
- पी. एच. डी. मुळे जमिनीतील स्थिर अन्नसाठा उपलब्ध स्वरुपात पिकाला मिळतो.
- पी. एच. डी. मुळे पिकांतील अन्न पृथकरणाचा वेग वाढवला जातो.
- पी. एच. डी. मुळे अन्नद्रव्यांची उपलब्धतता वाढवली जाते त्यामुळे होणारा जमिनीच्या सुपीकतेचा ऱ्हास व रासायनिक खतांची नासाडी कमी होते.
- पी. एच. डी. मुळे पिकांची निरोगी वाढ होते.
- पी. एच. डी. मुळे उत्पन्नामध्ये १५ ते २५% पर्यंत वाढ होते.
पी. एच. डी. चा वापर कसा करावा ?
पिकाचा प्रकार | वापराची वेळ | वापराचे प्रमाण |
भाजीपाला पिके | प्रति महिन्यातून एकदा | प्रति एकर १० किलो |
वार्षिक पिके | लागणावेळी / पक्कतेपुर्वी | प्रति एकर १० किलो |
हंगामी पिके | पेरणीवेळी व फुलोऱ्यावेळी | प्रति एकर ५ किलो |
फळझाडे | लागणीपासून ३ वर्षापर्यंत २५ ग्रॅम व वर्षातून २ वेळा
३ वर्षांनंतर ७५ ग्रॅम प्रति झाड प्रमाणे वापरावे. |
Information in Hindi
पी. एच. डी. यह एक सेंद्रिय पदार्थों के अर्क से बनाया गया उत्पादन है। इसमें अॅमिनो आम्ल,ह्युमिक आम्ल, फुल्विक आम्ल और अनेक विविध प्रकारके बेन्झिन का सुयोग्य मिश्रण है।
पी. एच. डी. का काम :
पी. एच. डी. के अॅमिनो आम्ल पानी में विघटीत होकर जमीन के अंदर स्थिर खनिजोंपर अॅमिनोचिलेटिंग करता है, साथ ही ह्युमिक आम्ल फसल के जड के बाहरी हिस्सेपर सायटोकिनीत बढाता है। पी. एच. डी. फसल की वृध्दी प्रेरित एल. सिस्टनकी गती बढाती है।
पी. एच. डी. इस्तेमाल से लाभ
- पी. एच. डी. जमिन के अंदर की स्थिर अन्नसंग्रह उपलब्ध स्वरुप में फसलों को मिलाता है।
- पी. एच. डी. से फसल मे से अन्न पृथकरण की गती बढायी जाती है।
- पी. एच. डी. से अन्नद्रव्योंकी उपलब्धता में वृध्दी होती है इससे होनेवाला जमिन के उपजाऊ का ऱ्हास और रासायनिक खादोंका नुकसान कम होता है।
- पी. एच. डी. से फसलों की निरोगी वृध्दी होती है।
- पी. एच. डी. से पैदावार में १५ से २५% तक वृध्दी होती है।
पी. एच. डी. का इस्तेमाल
फसलों का प्रकार | इस्तेमाल का समय | इस्तेमाल का प्रमाण |
सागसब्जी फसल | प्रति माह एक बार | प्रति एकड १० किलो (४० आर) |
वार्षिक फसल | बीज बोते समय और फलते समय | प्रति एकड १० किलो (४० आर) |
हंगामी फसल | बीज बोते समय और फूल आते समय | प्रति एकड ५ किलो (४० आर) |
फल देनेवाले पेड | लगाते समय से ३ साल तक २५ ग्रॅम और सालमें २ समय
३ साल बाद ७५ ग्रॅम प्रति पेड के लिए इस्तेमाल करें। |